नागरिकता कानून के विरोध को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल में हिंसक प्रदर्शन हुए। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा- हमने हमेशा नागरिकता संशोधन काननू का विरोध किया है। करते रहेंगे। लेकिन, हम दूसरी पार्टियों की तरह हिंसा, आगजनी व तोड़फोड़ में विश्वास नहीं करते हैं।
वर्तमान में देश में इमरजेंसी जैसे हालात
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- नागरिकता देने को लेकर जो कानून बनाया है। वह असंवैधानिक है। शुरू से पार्टी इसका विरोध कर रही है। लेकिन हमारे विरोध का तरीका अलग है। राष्ट्रपति से मुलाकात की गई। मैं खुद सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करती रही हूं। पूरे देश में बवाल हुआ है। मैं अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि इस समय व्याप्त इमरजेंसी जैसे हालात में सड़क पर न उतरें।
कांग्रेस जैसा होगा भाजपा का हाल
इससे पहले गुरुवार को मायावती ने कहा था कि केन्द्र को चाहिए कि वह नागरिकता कानून को वापस ले। सरकार को अर्थव्यवस्था की बदहाली, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसी राष्ट्रीय समस्याओं को दूर करने पर ध्यान केन्द्रित करे। वरना जनता इनका भी हाल 2014 के कांग्रेस जैसा करने में देर नहीं करेगी।